नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया। इस कार्यक्रम की थीम थी “सुरक्षित समाज, विकसित भारत – दण्ड से न्याय तक”, जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पूर्ण कार्यान्वयन के साथ चंडीगढ़ देश का पहला संघशासित प्रदेश बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी पांच स्तंभों—पुलिस, जेल, न्यायपालिका, अभियोजन और फॉरेंसिक—का आधुनिककरण किया गया है। शाह ने बताया कि ये तीन नए कानून 1 जुलाई, 2024 से लागू हुए हैं और इनमें कई नए प्रावधानों और संस्थाओं की स्थापना की गई है।
उन्होंने बताया कि 160 साल पहले अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों का उद्देश्य केवल अंग्रेजों के शासन को मजबूत करना था, जबकि अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए कानून बनाए गए हैं। इन कानूनों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को न्याय और सुरक्षा प्रदान करना है। शाह ने कहा कि अब देश की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से भारतीय हो गई है, और इसमें त्वरित न्याय मिलेगा, जिससे नागरिकों के अधिकारों की रक्षा होगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि इन नए कानूनों में तकनीकी प्रगति और व्याख्याओं का समावेश किया गया है ताकि भविष्य में किसी भी नई तकनीक के आने पर इनकी व्याख्या को बदलने की आवश्यकता न हो। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य भारत को दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली बनाने का है।
शाह ने बताया कि इन कानूनों के निर्माण में 160 से अधिक बैठकों का आयोजन किया गया था, जिसमें राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और अन्य अधिकारियों से चर्चा की गई। इन कानूनों को लागू करने के लिए 43 देशों के आपराधिक न्याय प्रणालियों का अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा कि अब तक 11 लाख से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी हैं और इनमें से 9500 मामलों में फैसले भी आए हैं, जिनकी दोषसिद्धि दर 85% से अधिक है, जो पहले की 58% से काफी अधिक है।
अमित शाह ने यह भी बताया कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के लिए एक अलग अध्याय जोड़ा गया है और आतंकवाद व संगठित अपराध की स्पष्ट परिभाषा दी गई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी सुधारों के माध्यम से FIR दर्ज करने की प्रक्रिया अब और सरल हो गई है, और E-FIR तथा Zero FIR का प्रावधान भी किया गया है, जिससे नागरिकों को पुलिस थाने जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि इन नए कानूनों के लागू होने के बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा सुधार आएगा और अपराध दर में कमी आएगी, जिससे भारत का समाज और अधिक सुरक्षित और विकसित बनेगा।